बदायूं। विकास भवन में बुधवार दोपहर को दो भाइयों ने पेट्रोल छिड़ककर आग लगा आत्मदाह का प्रयास किया। इसमें एक भाई तो बुरी तरह झुलस गया लेकिन दूसरे भाई को वहां मौजूद होमगार्ड ने बचा लिया। आग लगते ही विकास भवन में अफरा-तफरी मच गई। झुलसे युवक को पहले जिला अस्पताल ले जाया गया जहां से उसे मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। युवकों के पिता को साधन सहकारी समिति में गबन के आरोप में निलम्बित कर दिया गया था, उनका आरोप है कि समिति के काम करते हुए उनका रुपया अधिकारियों ने दबा रखा है। परिवार विकास भवन में जिम्मेदार अधिकारियों के चक्कर काट रहा है लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही है।
बिसौली कोतवाली क्षेत्र के गांव बाकरपुर निवासी राजेंद्र पाल शर्मा इस्लामनगर क्षेत्र के गांव सिठौली स्थित किसान सेवा सहकारी समिति पर प्रभारी सचिव के पद पर कार्यरत थे। उन्हें दो गेहूं खरीद केंद्रों का चार्ज दिया गया था। करीबन डेढ़ साल पहले राजेन्द्र को सस्पेंड कर दिया गया था, इसके बाद इस्लामनगर थाने में एफआईआर दर्ज कर उनके खाते पर रोक लगा दी गई थी। उनका आरोप है कि गेंहू केंद्र पर करीबन 6 लाख रूपये खर्च हो चुके हैं लेकिन विभाग द्वारा उन्हें इसका भुगतान नहीं मिला। उनके बार-बार तकादा करने पर उल्टा उन्हीं के खिलाफ गबन की रिपोर्ट दर्ज करा दी गयी।
बुधवार को राजेंद्र शर्मा अपने बेटे विपिन शर्मा, मनोज शर्मा, सचिन और पत्नी गुड्डो के साथ विकास भवन पहुंचे। विकास भवन गेट के बाहर ही विपिन शर्मा और मनोज शर्मा ने अपने ऊपर पेट्रोल छिड़क लिया। लेकिन तब तक विपिन शर्मा आग की चपेट में आ गया, वहां मौजूद होमगार्डों ने उसके कपड़े फाड़कर बचाने की कोशिश की लेकिन तब तक वो बुरी तरह झुलस चुका था। वहीं मनोज शर्मा को सकुशल बचा लिया गया।
आग में झुलसे विपिन शर्मा को पहले जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है। वहीं मनोज शर्मा ने विकास भवन के बाहर ही चिल्ला-चिल्लाकर सहकारी बैंक के चेयरमैन, प्रभारी एआर कोआपरेटिव मनोज उत्तम पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। मनोज शर्मा का आरोप है कि डेढ़ साल से बस आश्वासन ही मिल रहा है।
घटना के बाद नगर मजिस्ट्रेट अमित कुमार, सीओ सिटी सीपी सिंह और इंस्पेक्टर संजीव शुक्ला पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस राजेंद्र पाल शर्मा और उसके बेटे मनोज शर्मा, सचिन शर्मा व पत्नी गुड्डो को थाने ले गई है। यहां पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है।