उझानी (बदायूं)। त्रिपुरा में तैनात उझानी के बीएसएफ जवान की हार्ट अटैक से मौत हो गई। रविवार सुबह जवान के पार्थिव शरीर का कछला घाट पर गार्ड ऑफ ऑनर सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इससे पहले विदाई देने के लिये सैकड़ों लोग शवयात्रा में शामिल हुए।
नगर के मोहल्ला किलाखेड़ा, लालमन की पुलिया निवासी अमित सक्सेना ने बताया कि बड़े भाई 45 वर्षीय पवन सक्सेना सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की 145 बटालियन में नायक हवलदार थे। वर्तमान में पवन की तैनाती त्रिपुरा के अगरतला में भारत-बांग्लादेश सीमा पर थी। बटालियन में उनके साथी नायक हवलदार नौवत राम ने बताया कि शनिवार सुबह उन्हें ड्यूटी के दौरान हार्ट अटैक आया, उन्हें प्राथमिक उपचार दिया गया लेकिन कुछ ही देर में उन्हें फिर से अटैक आने के बाद उनका निधन हो गया। यह खबर परिवार को मिली तो कोहराम मच गया।
सैनिक के पार्थिव शरीर को पहले त्रिपुरा से हवाई जहाज से दिल्ली और फिर शनिवार देर रात सड़क मार्ग से बीएसएफ के जवान तिरंगे से लिपटे हुए जवान के शव लेकर किलाखेडा स्थित घर पहुंचे। इसके बाद उनके घर पर रिश्तेदारों, पड़ोस और जान-पहचान वालों का आना-जाना शुरू हो गया। रविवार सुबह को सैन्य सम्मान के साथ शवयात्रा निकाली गई।
अंतिम यात्रा में उमड़े लोग
रविवार सुबह करीबन 8 बजे घर से उनकी अंतिम यात्रा निकाली गई, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। अंतिम यात्रा बिल्सी रोड से होते हुए कछला घाट तक पहुंची। बीएसएफ के जवान कदम से कदम मिलाते हुए चल रहे थे, यात्रा में शामिल सैकड़ों लोगों ने भारत माता की जय, पवन सक्सेना अमर रहे नारे लगाकर जवान को सम्मान दिया।
घाट पर दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर
दिल्ली से बीएसएफ 25वीं बटालियन छावड़ा क्षेत्र से सब-इंस्पेक्टर ओमवीर सिंह, राजेश कुमार, बलवीर सिंह, जीबी रेड्डी, शिसान कुमार, गुलाब सिंह, धर्म सिंह, टीएल रेड्डी, बूटा सिंह अंतिम यात्रा में शामिल हुए। श्मशान घाट पर सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने जवान के सम्मान में गार्ड ऑफ ऑनर देकर मातमी धुन बजाई और हवाई फायर किये। साथ ही बदायूं पुलिस लाइन से सब-इंस्पेक्टर राजेन्द्र सिंह के नेतृत्व में पहुंची टुकड़ी ने सलामी दी। उझानी कोतवाल हरपाल सिंह बालियान ने भी जवान को सलाम किया।
बेटे को सौंपा तिरंगा
बीएसएस टीम ने अपने जवान को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए दो मिनट का मौन रखा। इसके बाद जवान नौवत राम ने पवन सक्सेना के पुत्र प्रखर को तिरंगा भेंट किया। उन्होंने कहा कि 26 जनवरी व 15 अगस्त को तिरंगे को घर पर फहराया करना। इसके बाद जवान के बेटे ने चिता को मुखाग्नि दी। अंतिम संस्कार के दौरान लोगों की आंखें नम हो गई।
पत्नी और बच्चों पर टूटा गम का पहाड़
नायक हवलदार पवन सक्सेना की अचानक मौत से उनकी पत्नी साधना, 20 वर्षीय बेटी प्रगति और 17 वर्षीय बेटे प्रखर पर गमों का पहाड़ टूट पड़ा है, परिवार के कई सपने बिखर गए हैं। मृतक की मां उषा देवी, दो भाई सुनील, अमित और बहन पूजा, बेबी सहित अन्य परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है।
इस दौरान सभासद सत्येन्द्र गुप्ता, प्रधान पंकज सक्सेना, सभासद आकाश शर्मा, संजय चतुर्वेदी, संतोष वार्ष्णेय, अरविन्द शर्मा समेत सैकड़ों लोग मौजूद रहे।