उझानी (बदायूं)। नगर पालिका मवेशियों पर लगाम नहीं लगा पा रहा और कस्बे के सांड अब हिंसक होते जा रहे हैं। सोमवार को सांड ने एक पुलिसकर्मी को उठाकर ऐसा पटका की वह बुरी तरह घायल हो गया, उसका हाथ फ्रैक्चर भी हो गया।
कोतवाली में तैनात कोंस्टेबल सोमवार सुबह करीबन 10 बजे स्टेशन रोड स्थित बैंक की नियमित चेकिंग के लिए गए थे। जब वो बाहर आए उसी समय एक सांड अचानक पीछे से आया और उन्हें उठाकर पटक दिया। वो जोरों से चिल्लाए तो साथी पुलिसकर्मियों ने सांड को भगाया, जिससे उन्हें बमुश्किल बचाया जा सका। एसआई रामेंद्र सिंह ने घायल सिपाही को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया जहां चिकित्सको ने उसकी हालत गंभीर देखते हुए जिला अस्पताल रेफर कर दिया। डॉक्टरों ने सिपाही के हाथ में फ्रैक्चर बताया है। साथ ही कमर के निचले हिस्से में भी चोटें आई हैं।
कस्बे में लावारिस गोवंश की संख्या बढ़ती ही जा रही है। सबसे ज्यादा आवारा सांड रामलीला मैदान, स्टेशन रोड, बदायूं रोड, कछला रोड में मंडराते रहते हैं। सड़कों पर एक-दो की संख्या में नहीं बल्कि दर्जनों की संख्या में लावारिस सांड झुंड में नजर आ ही जाते हैं। सड़क पर ये आपस में कब भिड़ जाए और किसी वाहन चालक को अपनी चपेट में ले ले यह कहा नहीं जा सकता। इन गोवंश को देख कर दोपहिया वाहन चालक एवं पैदल जा रहे लोग खासकर बच्चे एवं महिलाएं इनके पास से गुजरने कि हिम्मत नहीं जुटा पाते ओर रास्ता बदलने में ही अपनी भलाई समझते है। यही नहीं सडक़ों पर मण्डराता लावारिश गोवंश राहगीरों के थैले आदि में रखा सामान खाकर व बिखेरकर उन्हें नुकसान पहुंचाते रहते हैं।
हाईवे के बीचों बीच लावारिस गौवंश
अभी तक गांवों और खेतों में आवारा पशु बहुतायत में थे लेकिन किसानों ने इन गोवंश को खेतों ने खदेड़ा तो यह हाईवे पर आ पहुंचे। अब ये गोवंश खेतों में चरने के बाद फिर से हाईवे पर आ जाते हैं। बरी बाईपास क्षेत्र के आसपास हाइवे पर आवारा सांड हाईवे के बीच ही बैठ जाते है।
गौशाला में शादी का टेंट
कस्बे में गोवंश के आश्रय के लिए एक प्राईवेट गौशाला श्रीधमार्थ कामधेनु संचालित है। इसके अलावा पिछले साल नगर पालिका द्वारा वार्ड न. 20 मोहल्ला मदीना कालोनी में एक अस्थायी गौशाला का निर्माण करवाया गया था। यहाँ बाकायदा इन्टरलाकिंग टाईल्स, टीनशैड डाला गया। साथ ही गोवंश की पानी की व्यवस्था के लिए सरकारी नल भी लगाया गया।
अधिशासी अधिकारी जय प्रकाश यादव ने बताया कि कस्बे में नगर पालिका की गौशाला नहीं हैं, एक निजी संस्था द्वारा संचालित गौशाला है। जिसकी क्षमता 300 गोवंश की है फ़िलहाल यहाँ 250 गोवंश हैं। मदीना कालोनी की गौशाला का निर्माण जरुर नगर पालिका द्वारा करवाया गया था लेकिन मैंने हाल ही में चार्ज संभाला है इसीलिए इसकी ज्यादा जानकारी नहीं है।