लखनऊ। उत्तर प्रदेश ने कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद्द कर दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ हुई बैठक में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड पर यह फैसला लिया गया है। डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने इस संबंध में आज सीएम योगी के साथ बैठक की।
यूपी बोर्ड के बारहवीं के परीक्षार्थी कोरोना के चलते ऑनलाइन पढ़ाई की वजह से कम तैयारी और कोरोना संक्रमण की आशंका को देखते हुए परीक्षा न कराए जाने की मांग कर रहे थे। जिसे देखते हुए आज सीएम योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा के साथ हुई उच्चस्तरीय बैठक के बाद यूपी बोर्ड की इंटरमीडिएट परीक्षा भी रद्द कर दी। यूपी बोर्ड की इंटरमीडिएट परीक्षा के लिए 14,73,771 बालक और 11,35,730 बालिकाओं को मिलाकर कुल 26,09,501 परीक्षार्थी पंजीकृत हुए हैं।
बैठक के बाद डिप्टी सीएम ने पत्रकारों के साथ बातचीत में कहा, “कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने में कुछ समय लग सकता है। इस वजह से पीएम नरेंद्र मोदी ने अलग-अलग प्रदेशों की समीक्षा की थी जिसके बाद केंद्र सरकार ने सीबीएसई बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं को रद्द कर दिया था। आज हमने यूपी बोर्ड की 12वीं की परीक्षाएं रद्द करने का फैसला लिया है। छात्रों की सुरक्षा को देखते हुए ये फैसला लिया गया है।’
वहीं उत्तर प्रदेश की सरकार पूर्व में ही कक्षा 6 से लेकर कक्षा 11 की परीक्षा को रद्द कर विद्यार्थियों को प्रोन्नत करने का निर्णय ले चुकी है। अब 12वीं के छात्रों को भी प्रमोट किया जाएगा। जानकारी के मुताबिक, कक्षा 12वीं का रिजल्ट छात्रों द्वारा कक्षा 10वीं और कक्षा 11वीं में हासिल किए गए नंबरों के आधार पर तय किया जाएगा। वहीं 10वीं बोर्ड के रिजल्ट के लिए कक्षा 9वीं और प्री बोर्ड परीक्षाओं के अंकों को देखा जाएगा और उनके औसत नंबरों को कैल्कुलेट किया जाएगा।
हालांकि इससे पहले यूपी बोर्ड ने जुलाई के द्वितीय सप्ताह में नए प्रारूप में परीक्षा कराने के संकेत भी दिए थे। लेकिन सीबीएसई और सीआईएससीई बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षायें साथ ही ही देश के कई अन्य राज्यों के परीक्षा बोर्डों द्वारा दसवीं और बारहवीं की परीक्षायें निरस्त करने के फैसले के बाद यूपी सरकार पर यूपी बोर्ड की 12वीं की परीक्षा को रद्द करने का दबाव लगातार बढ़ गया था।
यूपी बोर्ड कॉलेज से पहले ही मांग चुका है रिकॉर्ड:
वैसे यूपी बोर्ड ने मई माह में ही इंटर के परीक्षार्थियों को प्रमोट करने की तैयारियां कर रखी हैं। यूपी बोर्ड ने हाईस्कूल परीक्षा रद करने से पहले ही वित्तविहीन, राजकीय व अशासकीय कॉलेजों से पहले नवीं और हाईस्कूल में प्रीबोर्ड व छमाही का रिकार्ड मांगा गया था। उसी दौरान 22 मई को बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने कक्षा 12 की फरवरी में हुई प्रीबोर्ड परीक्षा का रिकॉर्ड मांगा गया। इंटर के सभी संस्थागत व व्यक्तिगत परीक्षार्थियों की कक्षा 11वीं की छमाही व वार्षिक परीक्षा का पूर्णांक व प्राप्तांक और कृषि भाग एक के परीक्षार्थियों का कक्षा 11 की छमाही के अंक मांगे गए थे। बोर्ड सचिव ने जिला विद्यालय निरीक्षकों से 28 मई की शाम तक वेबसाइट पर अंक अपलोड करने का निर्देश दिया था, यह कार्य पूरा किया जा चुका है।