लखनऊ। उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने सोमवार को उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षाओं की घोषणा कर दी है। इस संबंध में उन्होंने कहा कि सत्र 2018-19 की बोर्ड परीक्षाएं 7 फरवरी से शुरू होंगी।
उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने बोर्ड परीक्षा 2019 की तारीख का ऐलान करते हुए माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के साथ जिला विद्यालय निरीक्षकों को परीक्षा की तैयारियां शुरू करने के निर्देश दिए हैं। उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया कि हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षाएं 7 फरवरी से शुरू होगी। पहले जहां परीक्षाएं ढाई महीने (55 कार्य दिवस) में संपन्न होती थी, वहीं आगामी बोर्ड परीक्षा मात्र 16 कार्य दिवस में संपन्न कराई जाएगी।
उन्होंने बताया कि परीक्षा के आयोजन में प्रयाग कुंभ के प्रमुख शाही स्नान और उत्सव के दिनों का ध्यान रखा जाएगा। परीक्षा का टाइम टेबल इसी महीने घोषित कर दिया जाएगा। उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि सरकार ने नकल पर शिकंजा कसने में कामयाबी हासिल की है। उन्होंने कहा कि 2017 की बोर्ड परीक्षा में प्रदेश में 50 लाख विद्यार्थी पंजीकृत थे, 2018 में इनकी संख्या बढ़कर 67.22 लाख पहुंच गई। लेकिन सरकार की ओर से 2018 की बोर्ड परीक्षा में नकल पर की गई सख्ती से इस वर्ष विद्यार्थियों की संख्या घटकर 57.87 लाख रह गई है।
उन्होंने कहा कि नकल पर अंकुश के कारण निजी विद्यार्थियों की संख्या में कमी आई है। 2018 बोर्ड परीक्षा में जहां 1.81 लाख निजी विद्यार्थियों पंजीकरण कराया था, वहीं इस वर्ष 92,384 निजी विद्यार्थियों ने ही बोर्ड परीक्षा के लिए पंजीकरण कराया है। उन्होंने बताया कि नकल के लिए कुख्यात अलीगढ़ की एक संस्थान में भी 56 हजार विद्यार्थी कम पंजीकृत हुए हैं।
डॉ. दिनेश शर्मा ने संवेदनशील परीक्षा केंद्रों का चिह्नांकन की कार्रवाई सावधानीपूर्वक करने के निर्देश दिए और कहा कि परीक्षा केंद्र निर्धारण में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पाए जाने पर डीआईओएस को दोषी माना जाए। परीक्षा केन्द्रों पर सीसीटीवी में वॉयस रिकार्डिंग की व्यवस्था भी करवाई जाएगी और इस वर्ष परीक्षार्थियों का नामांकन आधार से लिंक कराया गया है ताकि फर्जी परीक्षार्थियों के बैठने पर अंकुश लगाया जा सके।
बता दें, अगले साल फरवरी महीने से लोकसभा चुनाव 2019 की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। ऐसे में सरकार की मंशा है कि लोकसभा चुनाव की प्रक्रियाओं से पहले ही परीक्षा की सारी प्रक्रियाएं पूरी कर ली जाए। इससे छात्रों को किसी तरह की असुविधा नहीं होगी।