कादरचौक (बदायूं)। कादरचौक थाना क्षेत्र के गाँव धनुपुरा और भोजपुर मुख्यधारा से जुड़ने जा रहा है। उझानी सीओ की मुहीम के तहत ग्रामीणों ने अपराध से दूर रहने की कसम खा ली है वहीं उनका भविष्य संवारने की तैयारी भी तेज हो गयी।
सोमवार को आंवला सांसद धर्मेंद्र कश्यप, शेखूपुर विधायक धर्मेन्द्र कश्यप, जिलाधिकारी कुमार प्रशान्त, एसएसपी संकल्प शर्मा, उझानी सीओ अनिरुद्ध सिंह ने गाँव पहुँचकर 42 लड़कियों को साईकिल, 21 बेरोजगार विधवा महिलाओं को सिलाई मशीन, 10 दिव्यांगजनों का विकलांग साईकिले भेंट की। जिसे पाकर ग्रामीणों के चेहरे खिल उठे। ग्रामीणों को आश्वासन दिया गया कि जिनके आधार कार्ड, मनरेगा जाॅब कार्ड, जाति एवं मूलनिवास प्रमाण पत्र, राशन कार्ड के अलावा विधवा, वृद्धा एवं दिव्यांगजनों के प्रमाण पत्र नहीं बने हैं, उन्हें जल्द से जल्द बनवाया जाएगा। इस दौरान सभी ने सीओ अनिरूद्ध सिंह की सराहनीय पहल की जमकर प्रशंसा की।
आंवला सांसद धर्मेन्द्र कश्यप ने कहा कि बहुत ही सौभाग्य की बात है कि गांव के लोगों ने कुरीतियों को छोड़कर अच्छे और सफलता के रास्ते पर चलने का फैसला किया है। यह रास्ता उनको और उनके परिवार को ऐसी रोशनी की तरफ ले जाएगा, जहां इज्जत के साथ-साथ गांव को अपनी एक पहचान भी दिलाएगा। शेखूपुर विधायक धर्मेन्द्र कश्यप ने कहा कि गांव के लोगों की यह पहल यकींनन काबिले तारीफ है कि इतने लम्बे अरसे से चली आ रही कुरीतियों को छोड़ने का निर्णय लिया है। उन्होंने गांव में सिंचाई हेतु ट्यूबवैल लगाने के लिए 05 लाख रुपए देने की विधायकनिधि से घोषणा की। उन्होंने कहा कि इसके अलावा अन्य ज़रूरत को पूरा भी किया जाएगा।
डीएम कुमार प्रशांत ने कहा कि इस घटिया काम को छोड़ने के लिए पूरा गांव प्रशंसा का पात्र है। गांव को विकास की मुख्य धारा में जोड़ने के लिए प्रशासन स्तर से पूर्ण सहयोग किया जाएगा। केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं में यहां के लोगों को लाभ दिलाया जाएगा। गांव में रोजगार के विभिन्न अवसर दिए जाएंगे, साथ ही रोजगार के लिए प्रशिक्षण भी दिए जाएंगे, कृषि विविधिकरण से भी ग्रामीणों को जोड़ा जाएगा। जिन लोगों पर गुण्डा एक्ट व अन्य संगीन धारा आदि के मुकदमे चल रहे हैं, यदि उनका चालचलन सही रहा तो उनको इन मुकदमों से मुक्त करने पर मंथन किया जाएगा। गांव में खेल का मैदान, उच्च माध्यमिक विद्यालय, पंचायत भवन व सामुदायिक शौचालय का निर्माण कार्य भी कराया जाएगा।
एसएसपी संकल्प शर्मा ने कहा कि उनका ताअल्लुक भी राजस्थान से है, यहां आने पर गांव की महिलाओं द्वारा टीका लगाकर स्वागत करना और गांव वालों के पहनावे ने उन्हें उनके गांव की याद दिला दी। जब तक वह जनपद में हैं, अब जब कभी घर की याद आएंगी तो वह इसी गांव में आ जाया करेंगे। उन्होंने कहा कि वह एक सकारात्मक सोच के साथ गांव में आएं हैं। जिस मनोयोग के साथ इस परिवर्तन की शुरूआत हुई है। उसे आगे भी इसी दृढ़ संकल्प के साथ ले जाना है, हालांकि रास्ता बहुत कठिनाई भरा होगा, बहुत मुश्किले और परेशानियां आएंगी। इन परेशानियों से सामना करने में प्रशासन हर कदम आपके साथ है। उन्हें उम्मीद है आगे चलकर अब धनूपुरा कच्ची शराब के लिए नहीं बल्कि विकसित गांव के लिए पहचाना जाएगा।
कच्ची शराब के कारोबार में डूबे थे गाँव, गैरप्रान्तों में भी करते थे अपराध
लंबे समय से बदायूं जिले के कादरचौक क्षेत्र के धनुपुरा और भोजपुर गांव के ग्रामीण अवैध शराब और अवैध असलहा बनाने के साथ-साथ चोरी डकैती सहित तमाम अपराधों में संल्पित थे। यहां का बाबरिया गिरोह देशभर में आपराधिक वारदातों को अंजाम देता है। धनुपूरा और भोजपुर गांव में ये लोग 1856 में राजस्थान के इलाकों से आकर बसे थे। साथ ही यहां की पूरी बंजर जमीन पर अपना आशियाना बना लिया था। अपने जीविकापार्जन के लिए इन लोगों ने अपने लिए अवैध कारोबार का सिलसिला शुरू कर दिया। घरों में कच्ची शराब बनाने और उसकी तस्करी का कारोबार कई पीढ़ियों से चल रहा था।
गाँव की महिलाएं शराब के कारोबार में लिप्त थीं। गांव के लोग गैर प्रांतों में लूट, डकैती, चोरी समेत अन्य वारदातों को अंजाम भी देते थे। लड़के नदी के किनारे अवैध असलहे के कारोबार में लिप्त थे। इनकी इस हरकत की वजह से स्थानीय पुलिस को आए दिन तमाम तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। कई बार पुलिस की रेड भी पड़ी, जिस पर कई लोगों के खिलाफ मुकदमे दर्ज हुए और कानूनी कार्यवाही भी हुई लेकिन इससे उन पर कोई फर्क नहीं पड़ा।
उझानी सीओ अनिरूद्ध सिंह की पहल का हुआ असर
कच्ची शराब का निर्माण और बिक्री पर पाबंदी लगाने के लिए पुलिस की मुहीम की कमान नवनियुक्त पुलिस उपाधीक्षक अनिरुद्ध सिंह संभाली। उन्होंने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि अगर वो इस अपराध को छोड़ते हैं तो जीवन यापन के लिए हर संभव मदद की जाएगी। उन्होंने गाँव के बच्चों को गोद में उठाकर गांव के लोगों को समझाया कि बच्चों के भविष्य को अंधकार से निकालने के लिए इस गांव की परम्परा रीतियों को बदलना ज़रूरी है। उस काम का जड़ से खत्मा किया जाए जो गांव को मुख्य धारा से जोड़ने में रोड़ा बना हुआ है।
उनकी बातों का गांव के लोगों में ऐसा असर हुआ लोगों ने अपने घरों की शराब भट्टी और अवैध असलहा के कारखानों को खुद ही नष्ट कर दिया है। ग्रामीणों ने खुद न सिर्फ कच्ची शराब छिपाने के अड्डे दिखाये बल्कि शराब समेत उसे बनाने के उपकरण भी बरामद करा दिए। ग्रामीणों ने पुलिस के सामने संकल्प लिया है कि वह अपने काले अध्याय को भूल कर एक नया जीवन को जीना चाहते हैं। अब वह दोबारा शराब और अवैध असलहा बनाने के धंधे में कभी नहीं जाएंगे।