उझानी (बदायूं)। विकास खंड अंतर्गत गांव नरउ के वाशिंदों ने दूषित पानी की समस्या पर प्रशासन के बेनतीजा दौरों से खफा होकर सोमवार को गांव में धरना-प्रदर्शन किया। ग्रामीणों की नाराजगी है कि उनकी समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा वहीं स्वास्थ्य विभाग और नगर पालिका उनके जख्मों पर नमक छिडकने का काम कर रहा है।
कस्बे के अधिकाँश मौहल्लों का पानी नाले से होते हुए कस्बे से सटे गाँव नरऊ के तालाब में जाता है। लेकिन पिछले कई वर्षों से तालाब अब विकराल रूप ले चुका है। जिसकी चपेट में कई खेत आ चुके हैं। आलम यह है कि गांव का भूजल जहरीला हो गया है। नलकूपों से पीला, मटमैला पानी निकल रहा है। जिसे पीकर लोग पीलिया का शिकार हो रहे हैं। हाल ही में चार लोगों की मौत हो चुकी है। दर्जनों ग्रामीण बीमार हैं। गाँव के हर घर में दाद, खुजली जैसी बिमारियों के मरीज हैं। विगत कई वर्षों से ग्रामीण कर अपना दुखड़ा रो चुके हैं। लेकिन, शासन, प्रशासन, जनप्रतिनिधि आंखें मूंदे हुए है।
नरऊ की समस्या को जब मीडिया ने प्राथमिकता दी तो शासन, प्रशासन गाँव की ओर दौड़ गए। एसडीएम पारसनाथ मौर्य, शेखूपुर विधायक धर्मेन्द्र शाक्य ने तालाब का निरीक्षण कर ग्रामीणों का हाल चाल जाना वहीं स्वास्थ्य विभाग की टीम भी लगा दी गयी। नगर पालिका को पानी का टैंकर भेजने का आदेश दिया गया। वहीं दूषित पानी से समस्या से निदान का आश्वासन भी दिया गया।
लेकिन सोमवार को ग्रामीणों का सब्र का बाँध टूट पड़ा। आश्वासन से घुट्टी से तंग आए ग्रामीण धरने पर बैठ गए। ग्रामीणों ने अपने बच्चों को स्कूल भेजना भी बंद कर दिया। जिससे प्राथमिक स्कूल की कक्षाओं में सन्नाटा पसरा रहा। ग्रामीणों का आरोप है कि शनिवार को पालिका द्वारा भेजे गये टैंकर के पानी में बंदरों का मल निकला था, रविवार को टैंकर नहीं आया। सोमवार को भेजे गये टैंकर का भी ढक्कन ऊपर से खुला हुआ था जिसके बाद उसे वापस लौटा दिया गया। वहीं स्वास्थ्य विभाग ने भी एक दिन का दौरा कर गाँव की ओर नहीं देखा है। गाँव में दर्जनों लोग बीमार हैं।
ग्रामीणों के धरने की सूचना पर एसडीएम सदर पारसनाथ मौर्य, विधायक धर्मेन्द्र शाक्य पहुँच गए। इस दौरान धरना प्रदर्शन में शामिल होने की वजह से एसडीएम सदर ने कोटेदार महेंद्र कुमार को हिरासत में लिया जिस पर ग्रामीणों ने अपनी नारजगी व्यक्त की जिसके बाद उन्हें छोड़ दिया गया। एसडीएम सदर पारसनाथ मौर्य, विधायक धर्मेन्द्र शाक्य ने ग्रामीणों को समस्या से निजात का दुबारा आश्वासन दिया, उन्होंने कहा कि गाँव के तालाब में आने वाले नाले के पानी को आगे बढ़ाया जायेगा जिसके बाद ग्रामीणों ने अपना धरना खत्म कर दिया। ग्रामीणों का कहना है कि यदि शीघ्र ही समस्या का निस्तारण नहीं हुआ तो वे भूख हडताल को मजबूर होंगे।