बदायूं। जरीफनगर थाना क्षेत्र में एसबीआई ब्रांच में गुरुवार को उस समय अफरा-तफरी मच गई जब रुपये निकालने आई एक महिला की बैंक में ही मौत हो गयी। परिजनों ने बैंक प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाकर हंगामा किया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने समझा-बुझाकर परिजनों को शांत कराया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
गांव दहगवां शेखूपुरा निवासी प्रेमवती (55) के पति खूबचंद्र की 10 साल पहले मौत हो चुकी है। प्रेमवती का अपनी बहन कलावती के साथ एसबीआई में जॉइंट अकाउंट था। बड़ी बहन कलावती की भी मौत हो चुकी है। पति और बहन की मौत के बाद से प्रेमवती अपने जेठ के बच्चों के पास रहती थी। प्रेमवती को बीते कई दिनों से बुखार आ रहा था। परिजन उन्हें उपचार के लिए बरेली के एक निजी चिकित्सक के पास ले गए। जहां से महिला की हालत गंभीर देखकर दिल्ली रेफर कर दिया। वहीं दिल्ली जाने से पहले प्रेमवती अपने भतीजे रामदास के साथ बैंक से रुपए निकालने पहुंची। इस दौरान प्रेमवती की हालत बिगड़ गई और बैंक के अंदर ही उनकी मौत हो गई। सूचना मिलने पर पुलिस पहुंच गई।
मृतका के भतीजे रामदास ने बताया कि बरेली में इलाज के दौरान वहां 90 हजार रुपए का बिल आया था। नकद पैसे नहीं थे इसलिए बैंक से पैसे निकालने आए थे। मैनेजर को बता दिया था कि चाची की तबीयत खराब है, जल्दी पैसा दिलवा दीजिए। लेकिन पैसा नहीं मिला। कभी ये कागज, कभी वो कागज मांगने में मुझे लगाए रखा। हम इंतजार करते रहे गए और चाची की मौत हो गई।जरीफनगर के SO रविकरन सिंह ने बताया कि महिला को खाते से रुपए निकालने के लिए औपचारिकताएं पूरी करनी थीं। वह खुद को खूबचंद्र की दूसरी पत्नी बता रही थीं। मामले की जांच जारी है।
बैंक मैनेजर अमित ने बताया कि महिला का ज्वाइंट खाता था। महिला अधिक बीमार होने की वजह से कुछ बोल भी नहीं पा रही थी। उन्हें बेहोशी की कंडीशन में यहां लाया गया था। जब तक उन्हें होश नहीं आएगा, तब तक तो पेमेंट हो ही नहीं सकता। जिस अकाउंट से पेमेंट हो रहा है, उसमें एक महिला पहले से ही मृतक है। पेमेंट लेट होने की वजह से किसी की मौत नहीं हुई है।