बदायूं। जनपद में पुलिस का अमानवीय चेहरा सामने आया है। बाइक चोरी के आरोप में युवक को थर्ड डिग्री टॉर्चर दिया गया, परिजनों ने गुहार लगाई तो उनसे 5 हजार रुपए वसूल युवक को छोड़ दिया। एसएसपी ने आरोपी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है, साथ ही युवक की माँ की शिकायत पर चौकी इंचार्ज, चार सिपाही समेत सात पर मुकदमा दर्ज किया गया है। वहीं युवक की हालत भी गंभीर बनी हुई है।
मामला अलापुर थाना क्षेत्र की ककराला चौकी का है। कस्बे के वार्ड संख्या-12 निवासी यूनिश शाह कब्रिस्तान में कब्र खोद कर परिवार का खर्च उठाते हैं वहीं उनका 22 वर्षीय बेटा रिहान पेंटिंग का काम करता है। बीते महीने 2 मई को शाम करीबन बजे रिहान मजदूरी का घर लौट रहा था, इसी दौरान नरवंशियों की मस्जिद के पास पहले से मौजूद पुलिसकर्मियों ने उसे रोक लिया। इसी बीच पुलिस उसे पकड़कर चौकी ले गई। जहां करीब पांच घंटे तक उससे पूछताछ की गयी।
आरोप है कि चौकी इंचार्ज और सिपाहियों ने युवक के साथ जानवरों जैसा व्यवहार करते हुये बुरी तरह पिटाई की। युवक से चोरी की बात कबूलवाने के लिए उसे करंट का झटका दिया गया। इस पीड़ा से युवक चीखता रहा लेकिन चौकी पुलिस को कोई दया न आयी। चौकी इंजार्च का इससे मन न भरा तो युवक के गुप्तांग में डंडा डाल दिया।
उधर परिजनों को रिहान की सूचना मिली तो वो चौकी पहुँच गए। उन्होंने बताया कि बाइक चोरी की नहीं हैं बल्कि किश्तों में खरीदी है। इसके बाद चौकी पुलिस ने रिहान को छोड़ने के बदले रुपयों की डिमांड की। आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने 5 हजार रूपये वसूले। थर्ड डिग्री टॉर्चर बदहवाश हुए रिहान को पुलिस ने छोड़ तो दिया लेकिन परिजनों को किसी से शिकायत न करने की धमकी भी दी, साथ ही इलाज के लिए परिजनों को सौ रुपए भी पकड़ा दिए।
वहीं रिहान की माँ नजमा ने इस मामले की शिकायत एसएसपी डॉ. ओपी सिंह से की तो उन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए दातागंज सीओ प्रेम कुमार थापा को जांच सौंप दी। जांच में तत्कालीन चौकी इंचार्ज सत्यपाल, सिपाही नरेंद्र, सोनू, शेखर और विपिन के नाम सामने आए हैं जिसके बाद युवक की मां की तहरीर पर पांच पुलिसकर्मियों समेत दो अज्ञात के खिलाफ मारपीट, धमकी देना, गंभीर चोट पहुंचाने, हिंसा करने के अलावा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम धारा 7/13 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
बुलंदशहर चल रहा है इलाज
घटना के बाद से ही रिहान खौफजदा है। सबसे पहले उसे जनपद के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन उसकी हालत बिगडती चली गयी। इसके बाद उसे शहर के जैन हास्पिटल में भर्ती कराया गया था। जहां उसकी हालत में सुधार हुआ तो परिजन उसे वापस घर ले गए। लेकिन 28 मई को उसकी हालत फिर बिगड़ गई। इसके बाद से परिजन से बुलंदशहर ले गए, जहाँ एक प्राईवेट अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है।
रिहान के बड़े भाई आसिफ ने बताया कि परिवार आर्थिक तौर पर कमजोर है ऐसे में इलाज के लिए इधर उधर से रुपए जुटा रहे हैं। रिहान कई बार चीखने लगता है और पानी मांगता है। करंट की वजह से उसके शरीर पर निशान बन गए हैं, साथ ही नसें भी अकड़ गयी हैं।