सहसवान। एक पुरानी रंजिश में शुक्रवार को एक युवक की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई। दबंगों युवक को गोली मारने के बाद उसकी लाश को लाठियों से पीटते रहे। घटना के बाद से गांव में दहशत का माहौल है। एहतियातन गांव में पुलिस तैनात कर दी गई है।
सहसवान कोतवाली क्षेत्र के गांव लदपुरा निवासी पप्पू का उसके गांव के ही जीवाराम से राशन कोटा को लेकर विवाद चल रहा था। शुक्रवार दोपहर करीबन 11 बजे दोनों पक्षों की महिलाओं में कंडे थोपने को लेकर हुए विवाद ने तूल पकड़ लिया। इसके बाद जीवाराम व उसके साथी असलहा के बल पर पप्पू को खींचकर अपने साथ ले गए और गोली मारकर हत्या कर दी। जीवाराम और उसके साथियों के मन में इतना गुस्सा था कि पप्पू को गोली मारने के बाद लाश पर काफी देर तक लाठियां बरसाते रहे। फायर की आवाज और चीख पुकार सुनने के बावजूद गांव के लोग पीड़ित परिवार की मदद को नहीं पहुंचे। हमलावर घटना को अंजाम देने के बाद भाग गए। घटना के बाद से गांव में दहशत का माहौल है। एहतियातन गांव में पुलिस तैनात कर दी गई है। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।
पप्पू के पिता जयसिंह की ओर से सहसवान थाना लदपुरा निवासी जीवाराम पुत्र भूरे, ओमकार पुत्र भुल्ली, पप्पू पुत्र सोनपाल और जरीफनगर थाना क्षेत्र के ग्राम समसपुर कूबरी निवासी विनोद पुत्र रघुवीर के खिलाफ हत्या और जानलेवा हमले की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।
राशन की दुकान बनी पप्पू की मौत की वजह:
दरअसल दोनों पक्षों के बीच गांव में कोटे के राशन की दुकान को लेकर विवाद था। जीवाराम सुजातगंज पस्तौर के मजरा लदपुरा निवासी है। पुलिस के मुताबिक करीब 20 साल तक जीवाराम की पत्नी अग्रवती के नाम कोटे के राशन की दुकान रही। इस दौरान कोटेदार अग्रवती के खिलाफ कई बार शिकायतें हुईं। जिसके बाद अग्रवती का कोटा निरस्त हो गया, जीवाराम को शक था कि कोटा पप्पू ने निरस्त कराया था।
इसके बाद तीन महीने पहले हुए कोटे के प्रस्ताव में दोनों ने अलग-अलग व्यक्ति का समर्थन किया था। जहाँ पप्पू ने सुजातगंज पस्तौर निवासी छंगे पुत्र रोशन का समर्थन किया था, जबकि जीवाराम ने लदपुरा के सुगरपाल का समर्थन किया, जो हार गए। इसके बाद दोनों में रंजिश और ज्यादा बढ़ गयी। आरोप है कि जीवाराम और उसके साथी अक्सर पप्पू को धमकी देते थे, शुक्रवार को विवाद तो मामूली था लेकिन राशन की दुकान पप्पू की मौत की वजह बनी।
अनाथ हुए 4 बच्चे:
पुरानी रंजिश में मारा गया पप्पू दो भाइयों में सबसे बड़ा था। उसके चार बच्चे हैं, पप्पू की पत्नी सुनीता की करीब पांच-छह साल पहले मौत हो गई थी। पप्पू का बड़ा बेटा 18 वर्षीय पुष्पेंद्र दिव्यांग है। उससे छोटा अभिजीत (15), बेटी रत्नेश (14), प्रीता (10) और गीता (8) है। पप्पू की हत्या के बाद उसके बच्चे अनाथ हो गए हैं। पप्पू की शादी लायक दो बहने भी हैं।